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स्वामी विवेकानंद जी

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आज ही के दिन ( 11 सितम्बर ) सन 1893 में #स्वामी_विवेकानन्द जी ने शिकागो ,  अमेरिका  में विश्व  धर्म  संसद  में भारत  का प्रतिनिधित्व  किया  था । आईए जानते हैं  उस भाषण में स्वामी  जी ने क्या  विचार प्रकट  किया था ।        स्वामी विवेकानंद बहुत कम उम्र में अपने ज्ञान का लोहा पूरी दुनिया में मनवा चुके थे। 12 जनवरी 1863 को जन्मे इस तेजस्वी संन्यासी ने अपनी प्रखर चेतना से समूचे विश्व को बताया कि भारत क्यों विश्व गुरु है। अमेरिका के शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म संसद में दुनिया के सभी धर्मों के प्रतिनिधियों के बीच सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वामीजी ने जो यादगार भाषण दिया, उसने भारत की अतुल्य विरासत और ज्ञान का डंका बजा दिया। आज अधिकांश लोग यह तो जानते हैं कि उन्होंने अपना भाषण 'बहनों और भाइयों?" के संबोधन से शुरू कर सबको भारत की 'वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से अवगत करवाया था, लेकिन उन्होंने शेष भाषण में क्या कहा था, इसकी जानकारी अध्येताओं को ही है। आज स्वामीजी की जयंती पर उनके उसी भाषण से सीख लेने से बेहतर और क्या हो सकता है। प्रस्तुत है उस